“मैं, श्रीमान् …… महाराजाधिराज श्री हरी सिंह जी …….. जम्मू व कश्मीर का शासक …….. “रियासत पर अपनी संप्रभुता का निर्वाह करते हुए एतद्द्वारा अपने इस विलय के प्रपत्र का निष्पादन करता हूं ….” यह वही प्रपत्र है जिस पर देश की सभी रियासतों के शासकों ने हस्ताक्षर किये थे। जम्मू कश्मीर के शासक महाराजा… Read More »
विजय दशमी
विजय दशमी शक्ति का पर्व है। अधर्म पर धर्म की विजय राक्षसत्व पर आर्यत्व की विजय और असुरों पर सुरों की विजय का प्रतीक है। इसलिये यह दिन विजय तथा उल्लास के पर्व के रूप में मनाया जाता है। यदि इतिहास पर दृष्टि डालें तो इस दिन अनेक महत्वपूर्ण एवं समाज को नयी दिशा देने… Read More »
इतिहास दृष्टि – ऋग्वेद पहले या सिन्धु घाटी सभ्यता
स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय इतिहास का विषय आज भी देश के जनमानस के लिए आश्चर्य तथा निराशा का विषय बना हुआ है। विश्व के पराधीन रहे अनेक देशों ने स्वाधीन होते ही अपने-अपने देश के इतिहास को राष्ट्रीय चैतन्य के प्रकाश में सही लिखा तथा उसमें तथ्यों के आधार पर परिवर्तन, संशोधन अथवा पुनर्लेखन किये… Read More »
कारगिल विजय दिवस : जरा याद करो कुर्बानी
‘हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्’। (या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा अथवा विजयश्री प्राप्त कर पृथ्वी का राज्य भोगेगा।) गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पाँव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय… Read More »
चंद्रशेखर आज़ाद
पंद्रह वर्ष की अल्प वय मेंदेश भक्ति का गान कियाआज़ादी को पाने हेतुक्रांति पथ आह्वान कियाविपदाओं की जंजीरेबिछी पड़ी थीं राहों मेंखुद पर खूब भरोसा थाबल था बहुत भुजाओ मेंखून ख़ौलता रगो मेंसीने में उठता शोला थापीड़ाओं के दंश झेलतेवंदे मातरम् बोला थागर्जन करता प्रलय मेघ सापरंपरा था शेरों कीनाम सुनकर ‘आजाद’देह काँपती गोरों कीमूँछों… Read More »
वन्दे मातरम
वन्दे मातरमजरा सुनो ओ रोने वालो वन्दे मातरम नारे पर,करो याद, था बना पाक, निज लहू मांस के गारे पर।मां पुत्रो से दूर रहे पर मां फिर भी मां रहती है,खून आँख में, दिल में अग्नि सदा धधकती रहती हैएक दाहिर की गौरव गाथा, याद सदा ही रहती है,देश कटा, पर घाव से अब तक… Read More »
बाबा बर्फानी
जम्मू एवं कश्मीर राज्य में स्थित बाबा अमरनाथ जी की यात्रा न केवल भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, बल्कि संसार के प्रत्येक स्थान से इसके दर्शनों के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष यहां पहुंचते हैं। बेशक आतंकवादियों द्वारा धमकी दी गई हो या फिर मौसम कितना ही खराब क्यों न… Read More »
गुरुपूर्णिमा और संघ:भगवा ध्वज है गुरु हमारा
अपने राष्ट्र और समाज जीवन में गुरुपूर्णिमा-आषाढ़ पूर्णिमा अत्यंत महत्वपूर्ण उत्सव है। व्यास महर्षि आदिगुरु हैं। उन्होंने मानव जीवन को गुणों पर निर्धारित करते हुए उन महान आदर्शों को व्यवस्थित रूप में समाज के सामने रखा। विचार तथा आचार का समन्वय करते हुए, भारतवर्ष के साथ उन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति का मार्गदर्शन किया। इसलिए भगवान… Read More »